मिस्र

मिस्र (अरबी; مصر, अंग्रेजी:Egypt), आधिकारिक तौर पर मिस्र अरब गणराज्य, एक देश है जिसका अधिकांश हालांकि उत्तरी अफ्रीका में स्थित है जबकि इसकासिनाई प्रायद्वीप, दक्षिणपश्चिम एशिया में एक स्थल पुल बनाता है। इस प्रकार मिस्र एक अंतरमहाद्वीपीय देश है, तथा अफ्रीका, भूमध्य क्षेत्र, मध्य पूर्व और इस्लामी दुनिया की यह एक प्रमुख शक्ति है। इसका क्षेत्रफल 1010000 वर्ग किलोमीटर है, और इसके उत्तर में भूमध्य सागर, पूर्वोत्तर में गाजा पट्टी और इस्राइल, पूर्व में लाल सागर, दक्षिण में सूडान और पश्चिम में लीबिया स्थित है।
मिस्र, अफ्रीका और मध्य पूर्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में से एक है। इसकी अनुमानित 7.90 करोड़ जनसंख्या का अधिकतर हिस्सा नील नदी के किनारे वाले हिस्से में रहता है। नील नदी का यह क्षेत्र लगभग 40000 वर्ग किलोमीटर (15000 वर्ग मील) का है और पूरे देश का सिर्फ इसी क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि पायी जाती है। सहारा मरुस्थल के एक बड़े हिस्से में विरल जनसंख्या निवास करती है। मिस्र के लगभग आधे निवासी शहरों में वास करते हैं जिनमें नील नदी के मुहाने के क्षेत्र में बसे सघन जनसंख्या वाले शहर जैसे कि काहिरा, सिकन्दरिया आदि प्रमुख हैं।
मिस्र की मान्यता उसकी प्राचीन सभ्यता के लिए है। गीज़ा पिरामिड परिसर और महान स्फिंक्स जैसे प्रसिद्ध स्मारक यहीं स्थित है। मिस्र के प्राचीन खंडहर जैसे किमेम्फिस, थेबिस, करनाक और राजाओं की घाटी जो लक्सर के बाहर स्थित हैं, पुरातात्विक अध्ययन का एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं। यहां के शासक को फारो नाम से जाना जाता था। इस पदवी का प्रयोग ईसाई और इस्लाम काल के पूर्व काल मे होता था। इसे फारोह भी लिखते हैं। फारो को मिस्र के देवता होरसका पुनर्जन्म माना जाता था। होरस द्यौ (आकाश) का देवता था और इसे सूर्य भी माना जाता था। मिस्र की कार्यशक्ति का लगभग 12% हिस्सा पर्यटन और लाल सागर रिवेरा में कार्यरत है।
मध्य पूर्व में, मिस्र की अर्थव्यवस्था सबसे अधिक विकसित और विविध अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। पर्यटन, कृषि, उद्योग और सेवा जैसे क्षेत्रों का उत्पादन स्तर लगभग एक समान है। 2011 के शुरूआत में मिस्र उस क्रांति का गवाह बना, जिसके द्वारा मिस्र से होस्नी मुबारक नाम के तानाशाह के 30 साल के शासन का खात्मा हुआ।

इतिहास

मिस्र के इतिहास में विदेशी शक्तियों और आंतरिक राजाओं (फ़राओ) का अंश रहा है । ईसा के 4000 साल पहले से चला आ रहा साम्राज्य छठी सदी ईसा पूर्व मेंईरानियों के आक्रमण के बाद ख़त्म हुआ । उसके बाद चौथी सदी ईसा पूर्व में सिकंदर के आक्रमण से ग्रीक यहाँ शासन करने लगे । इस काल में यूनानी संस्कृति का असर यहाँ पर पड़ा । यूनानियों पर रोमन कब्ज़े के बाद (ईसापूर्व सन् 30) यहाँ रोमन शासन स्थापित हुआ । इस काल में यहाँ कॉप्टिक भाषा का विकास हुआ । रोमन साम्राज्य चौथी सदी में टूटा तो पूर्वी भाग के बिज़ेंटाइन यहाँ के शासक बने । सातवीं सदी में फ़ारसियों के अल्पकालिक नियंत्रण के बाद मिस्र बिज़ेंटाइनों के हाथ तो लगा पर जल्द ही (सन् 639) मुस्लिम अरबों ने इस पर अपना अधिकार कर लिया । इसके बाद अरब साम्राज्य का ये अंग तेरहवीं सदी तक रहा और इस दौरान यहाँ इस्लाम का प्रचार हुआ । सन् 1250 में मामलुकों ने सीरिया तक फैले साम्राज्य में मिस्र को शामिल किया और ये मंगोल आक्रमण के समय भी बचा रहा । सोलहवीं सदी में उस्मानी तुर्कों (ऑटोमन) ने मिस्र पर अधिकार कर लिया । इसके बाद उन्नीसवीं सदी में ब्रिटिश आए ।

मिस्र का धर्म

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